खाटू में आने वाले को,
भरपूर दिया है,
किसी को आज कल,
मगर ज़रूर दिया है।।
तर्ज – दुश्मन ना करे दोस्त ने।
खाटू से लौटते हुए,
हर भक्त ने कहा,
बाबा ने मेरी अर्ज़ी को,
मंज़ूर किया है,
किसी को आज कल,
मगर ज़रूर दिया है।।
हारे का सहारा है,
हार करके आये जो,
रंक को भी श्याम ने,
हुज़ूर किया है,
किसी को आज कल,
मगर ज़रूर दिया है।।
खाटू के दर पे किरपा की,
बारिश में भीग लो,
सागर कहीं पे और,
कहीं पे बूँद दिया है,
किसी को आज कल,
मगर ज़रूर दिया है।।
हर पल दिखा रहा है,
श्याम अपना करिश्मा,
‘बिट्टू’ की सारी मुश्किलों,
को दूर किया है,
किसी को आज कल,
मगर ज़रूर दिया है।।
खाटू में आने वाले को,
भरपूर दिया है,
किसी को आज कल,
मगर ज़रूर दिया है।।
Singer – Adviti Jain