खाटू में बैठा दरबार,
लगा के लखदातारी,
लखदातारी बाबा,
तीन बाण धारी,
भक्तों के इंतजार में,
बैठा शीष का दानी,
खाटु मे बैठा दरबार,
लगा के लखदातारी।bd।
मात मोरवी की आंखों के तारे,
सज धज के बैठे बाबा हमारे,
खड़े है भक्त कतार में,
कब आएगी बारी,
खाटु मे बैठा दरबार,
लगा के लखदातारी।bd।
शुक्ल पक्ष की ग्यारस निराली,
दूर पास के आते सवाली,
भर के खुशी और प्यार में,
आते दर पे पुजारी,
खाटु मे बैठा दरबार,
लगा के लखदातारी।bd।
‘दास कैलाश’ निशान उठा के,
करे भावना भी दर्शन आके,
श्याम की जय जयकार में,
खुशी मिलती है भारी,
खाटु मे बैठा दरबार,
लगा के लखदातारी।bd।
खाटू में बैठा दरबार,
लगा के लखदातारी,
लखदातारी बाबा,
तीन बाण धारी,
भक्तों के इंतजार में,
बैठा शीष का दानी,
खाटु मे बैठा दरबार,
लगा के लखदातारी।bd।
Singer – Bhawna Swaranjali