खाटू नगर जाना है हमें,
श्याम के दर जाना है हमें,
चलो उनके लिए कुछ लेते चले,
और प्रेम भाव से कहते चले,
थोड़ा दही मखन लेते चले,
और प्रेम भाव से कहते चले,
खाटू नगर जाना हैं हमें,
श्याम के दर जाना है हमें।।
तर्ज – आज उनसे मिलना है।
त्रिलोक राजा है सांवला सयाना है,
वोह इक ग्वाला है जाने दिल,
क्या क्या खरीदे हम,
क्या ना खरीदे हम,
क्या दे निशानी है ये मुश्किल,
कुछ खट्टा मीठा लेते चले,
थोड़ा मखन दही लेते चले,
सब उनकी पसंद का लेते चले,
कुछ पकवान लेते चले,
खाटू नगर जाना हैं हमें,
श्याम के दर जाना है हमें।।
पूजा करेंगे तो हम क्या मांगेगे,
ये सोचा ना समझा ना जाना है,
शायद कहीं ऐसा उनका हमेशा से,
सर आंखो पर ही ठिकाना है,
थोडा काजू किशमिश लेते चले,
सब थोडा थोडा लेते चले,
थोडा दही मखन लेते चले,
और प्रेम भाव से कहते चले,
खाटू नगर जाना हैं हमें,
श्याम के दर जाना है हमें।।
खाटू नगर जाना है हमें,
श्याम के दर जाना है हमें,
चलो उनके लिए कुछ लेते चले,
और प्रेम भाव से कहते चले,
थोड़ा दही मखन लेते चले,
और प्रेम भाव से कहते चले,
खाटू नगर जाना हैं हमें,
श्याम के दर जाना है हमें।।
गायक / प्रेषक – वैभव जोशी।
8959233820
https://youtu.be/e6ViakjvRn8