सरकार हजारों दुनिया में पर,
खाटू सी सरकार नहीं,
जहाँ वक़्त से पहले मिलता हो,
ऐसा केवल दरबार यही।।
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
जय जय श्याम।
तर्ज – है प्रीत जहाँ की रीत सदा।
जिसने है जितना जतन किया,
उसने उतना सुख पाया है,
इतिहास गवाह है बाबा ने,
उनके जीवन को सजाया है,
यहाँ संयम रखने वालों की,
जाती मेहनत बेकार नहीं,
जहाँ वक़्त से पहले मिलता हो,
ऐसा केवल दरबार यही।।
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
जय जय श्याम।
रिश्ते नाते भाई बंधू जब,
कोई काम नहीं आएंगे,
उस वक़्त मदद करने तेरी,
प्रभु दौड़ श्याम ही आएंगे,
जो हार गया है इस दर पे,
उनकी होती कहीं हार नहीं,
जहाँ वक़्त से पहले मिलता हो,
ऐसा केवल दरबार यही।।
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
जय जय श्याम।
भूखे ने निवाला पाया है,
और बाँझ ने लाला पाया है,
माधव पाया उसने वैसा,
जो जैसी नियत लाया है,
बस अहम दिखाने वालों को,
करते बाबा स्वीकार नहीं,
जहाँ वक़्त से पहले मिलता हो,
ऐसा केवल दरबार यही।।
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
जय जय श्याम।
सरकार हजारों दुनिया में पर,
खाटू सी सरकार नहीं,
जहाँ वक़्त से पहले मिलता हो,
ऐसा केवल दरबार यही।।
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
श्री श्याम जय श्याम,
जय जय श्याम।
Singer – Krishnapriya