आवैगा बाबा आवैगा,
खाटू वाला आवेगा,
दुनिया पार लगाई सै,
मनै भी पार लगावैगा।।
तर्ज – मनै चारों तरफ ना तू दिखे।
नीले घोड़े प होकै असवार,
लीकड़ लिया मेरा बाबा भवन तै बाहर,
चाल पड़या बाबा चाल पड़या,
सूती पड़ी तकदीर मेरी,
आण कै आज जगावैगा,
आवैगा बाबा आवैगा,
खाटू वाला आवैगा।।
कोनया कल्पना सच्चा स विश्वास,
मेरे बाबा पै मनै भरोस खास,
चाल पड़या बाबा चाल पड़या,
आज्या लाडले बेटे मेरे,
न्यू कहकै छाती कै लवैगा,
आवैगा बाबा आवैगा,
खाटू वाला आवैगा।।
रहम करै सै बाबा नहीं कठोर,
खाम्हे खा नहीं हो रया जगत म्ह शोर,
दयावान घणा वो महान घणा,
शरण पड़े की पीड़ हरै,
ना अर्जी नै ठुकरावैगा,
आवैगा बाबा आवैगा,
खाटू वाला आवैगा।।
कुड़लण आला गजेन्द्र सै नादान,
सतबीर गुरु की दया तै बढ़ता ग्यान,
कुर्बान तेरे भगवान मेरे,
लक्की गुरु सतनैरण की,
हरदम टहल बजावैगा,
आवैगा बाबा आवैगा,
खाटू वाला आवैगा।।
आवैगा बाबा आवैगा,
खाटू वाला आवेगा,
दुनिया पार लगाई सै,
मनै भी पार लगावैगा।।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660
गायक – लक्की शर्मा।