खाटु वाला श्याम धणी,
हम भक्तो का विश्वास है।
किसने देखा उसको लेकिन,
मन में भारी आस है,
खाटू वाला श्याम धणी,
हम भक्तो का विश्वास है।।
अंतर्यामी को सेवक तू,
खोज रहा आकारों में,
नहीं मिलेगा मेरा बाबा,
मंदिर की दीवारों में,
एक गरीब की आँख में मेरे,
श्याम धणी का वास है,
खाटू वाला श्याम धणी,
हम भक्तो का विश्वास है।।
कर्मा के खीचड़ में बसता,
मीरा के उस प्यार में,
नरसी की हुंडी में बैठा,
गज की करुण पुकार में,
सच्चे मन से नाम पुकारा,
पल में हुआ आभास है,
खाटू वाला श्याम धणी,
हम भक्तो का विश्वास है।।
कहीं ज्योत में लीला घोड़ा,
छम छम नाच दिखाता है,
जय श्री श्याम किसी सेवक की,
रोटी पर छप जाता है,
यही कही बैठा वो छुपकर,
निज भक्तो के पास है,
खाटू वाला श्याम धणी,
हम भक्तो का विश्वास है।।
छप्पन भोग कभी ना खाए,
‘हर्ष’ तुम्हे बतलाता है,
आडम्बर करने वाले का,
गर्व हमेशा खाता है,
इसके आगे ढोंग करे जो,
निश्चित उसका नाश है,
खाटू वाला श्याम धणी,
हम भक्तो का विश्वास है।।
किसने देखा उसको लेकिन,
मन में भारी आस है,
खाटु वाला श्याम धणी,
हम भक्तो का विश्वास है।।
Singer – Swati Agarwal