खाटू वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया,
मुझपे तरस ये खा गया,
और मेरा मान बढ़ा गया,
खाटु वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया।।
तर्ज – धीरे धीरे बोल कोई सुन ना ले।
सुन ली मेरे बाबा ने फरियाद,
रख ली इसने आज भगत की लाज,
अर्जी मेरी इसने सुनी,
अर्जी मेरी इसने सुनी,
सेवक का साथ निभा गया,
और दुनिया को दिखला गया,
खाटु वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया।
मुझपे तरस ये खा गया,
और मेरा मान बढ़ा गया,
खाटु वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया।।
कैसे करूँ मैं बाबा का सत्कार,
निर्धन तो बस दे सकता है प्यार,
क्या दूँ भला सोचूं खड़ा,
क्या दूँ भला सोचूं खड़ा,
ये सच्ची प्रीत निभा गया,
और रुखा सुखा खा गया,
खाटु वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया।
मुझपे तरस ये खा गया,
और मेरा मान बढ़ा गया,
खाटु वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया।।
दिल में मेरे श्याम की है तस्वीर,
‘हर्ष’ जगी है आज मेरी तक़दीर,
इसके भजन गाऊं सदा,
इसके भजन गाऊं सदा,
मुझको भुलाया ना गया,
और लिले चढ़ के आ गया,
खाटु वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया।
मुझपे तरस ये खा गया,
और मेरा मान बढ़ा गया,
खाटु वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया।।
खाटू वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया,
मुझपे तरस ये खा गया,
और मेरा मान बढ़ा गया,
खाटु वाला श्याम मेरे घर आया,
घर आया मेरे घर आया।।