खाटू वाले का दर,
हर दर से निराला है,
हमको तो लगता है,
ये स्वर्ग से प्यारा है,
खाटु वाले का दर,
हर दर से निराला है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
खाटू वाला जबसे,
मेरे दिल में समाया है,
बिन बोले ही इसने,
दामन भर डाला है,
ऐसा दातार कहाँ,
कलयुग में हमारा है,
हमको तो लगता है,
ये स्वर्ग से प्यारा है,
खाटु वाले का दर,
हर दर से निराला है।।
जिसने इसको चाहा,
ये उसको चाहेगा,
दो भाव के आंसू बहा,
तेरा हो जाएगा,
ये सच्चा साथी है,
झूठा जग सारा है,
हमको तो लगता है,
ये स्वर्ग से प्यारा है,
खाटु वाले का दर,
हर दर से निराला है।।
‘योगेंद्र कमल’ दोनों,
दर शीश झुकाते है,
खाटू की माटी को,
माथे से लगाते है,
गाते है श्याम प्रभु,
आधार तुम्हारा है,
हमको तो लगता है,
ये स्वर्ग से प्यारा है,
खाटु वाले का दर,
हर दर से निराला है।।
खाटू वाले का दर,
हर दर से निराला है,
हमको तो लगता है,
ये स्वर्ग से प्यारा है,
खाटु वाले का दर,
हर दर से निराला है।।
Singer & Writer – Yogender Kamal