खाटू वाले को,
मन से पुकारो एक बार,
नंगे पग दौड़ा आए,
नंगे पग दौड़ा आए,
सुनके पुकार,
खाटु वाले को,
मन से पुकारो एक बार।।
भटक भटक कर,
दुनिया में मत डोल,
एक बार निज,
ह्रदय के पट को खोल,
घट में ही श्याम प्रभु का,
घट में ही श्याम प्रभु का,
होगा दीदार,
खाटु वाले को,
मन से पुकारो एक बार।।
करे फैसला पल का फेर नहीं,
देर तो है लेकिन अंधेर नहीं,
भर दे पल में भंडारा,
बाबा हारे का सहारा,
पहले तू हार,
खाटु वाले को,
मन से पुकारो एक बार।।
सुर नर मुनि जब पार नहीं पाए,
‘किशन’ भला क्या भेद समझ पाए,
पकड़ो अब बांह हमारी,
खाटू के श्याम बिहारी,
‘पागल’ के यार,
खाटु वाले को,
मन से पुकारो एक बार।।
खाटू वाले को,
मन से पुकारो एक बार,
नंगे पग दौड़ा आए,
नंगे पग दौड़ा आए,
सुनके पुकार,
खाटु वाले को,
मन से पुकारो एक बार।।
स्वर – सुरभि चतुर्वेदी।