खाटू वाले मैं तेरा दीवाना,
तेरे काबिल नही,
तेरे काबिल नही,
पर जैसा भी हूँ तू निभाना,
खाटु वाले मैं तेरा दीवाना।।
तर्ज – हम तुम्हे चाहते है ऐसे।
मुश्किलो में तुम्हे ढूंढ़ता हूँ,
मुश्किलो में तुम्हे ढूंढ़ता हूँ,
बड़ा ख़ुदग़र्ज़ हूँ,
बड़ा ख़ुदग़र्ज़ हूँ,
मैं खुशी में तुम्हे भूलता हूँ,
खाटु वाले मैं तेरा दीवाना।।
अवगुणो से भरा हूँ मैं बाबा,
अवगुणो से भरा हूँ मैं बाबा,
मेरे अवगुण मिटा,
मेरे अवगुण मिटा,
दास आख़िर तेरा हूँ मैं बाबा,
खाटु वाले मैं तेरा दीवाना।।
तूने कितने ही अधमो को तारा,
तूने कितने ही अधमो को तारा,
पूछूं रो रो बता,
पूछूं रो रो बता,
तूने मुझको भला क्यों बिसारा,
खाटु वाले मैं तेरा दीवाना।।
चाहे जैसा मुझे तू समझना,
चाहे जैसा मुझे तू समझना,
‘हर्ष’ विनती यही,
‘हर्ष’ विनती यही,
हाथ किरपा का यूँ ही तू रखना,
खाटु वाले मैं तेरा दीवाना।।
खाटू वाले मैं तेरा दीवाना,
तेरे काबिल नही,
तेरे काबिल नही,
पर जैसा भी हूँ तू निभाना,
खाटु वाले मैं तेरा दीवाना।।
स्वर – सौरभ मधुकर जी।