खाटू वाले श्याम बाबा,
आया हूँ दर पे दे दो सहारा।
तर्ज – शिर्डी वाले साईं बाबा।
श्लोक – ज़माने में कहाँ,
टूटी हुई तस्वीर बनती है,
तेरे दरबार में बिगड़ी हुई,
तक़दीर बनती है।
तारीफ़ तेरी सुनकर के आया,
कहते है लोग तेरा सच्चा है द्वारा,
खाटू वाले श्याम बाबा,
आया हूँ दर पे दे दो सहारा,
मन की मुरादे पूरी करदे,
तेरे सिवा अब कौन हमारा,
खाटु वाले श्याम बाबा,
आया हूँ दर पे दे दो सहारा।।
तू हारे का सहारा,
तुम्ही से है गुजारा,
मेरा ईमान तू है,
दया की खान तू है,
जगा किस्मत ये सोई,
सिवा तेरे ना कोई,
गले मुझको लगा ले,
अरे ओ मुरली वाले,
तेरी रेहमत का किस्सा,
बया अब मैं करूँ क्या,
लाखो की बिगड़ी,
इस दर से बनती,
शरणागत को तुमने सवारा,
खाटू वालें श्याम बाबा,
आया हूँ दर पे दे दो सहारा।।
तू रोतो को हँसाये,
तू उजडो को बसाये,
छाये जब जब अँधेरा,
तु ही करता सवेरा,
शरण तेरी पड़ा हूँ,
द्वार तेरे खड़ा हूँ,
श्याम मुझको संभालो,
द्वार से यूँ ना टालो,
तेरी रेहमत का किस्सा,
बया अब मैं करूँ क्या,
याद में तेरी छलके है आंसू,
जाऊ कहाँ मैं छोड़ के द्वारा,
खाटू वालें श्याम बाबा,
आया हूँ दर पे दे दो सहारा।।
खाटू वाले श्याम बाबा,
आया हूँ दर पे दे दो सहारा,
मन की मुरादे पूरी करदे,
तेरे सिवा अब कौन हमारा,
खाटु वाले श्याम बाबा,
आया हूँ दर पे दे दो सहारा।।
Singer : Santosh Vyas