खतेश्वर स्वामी,
थेई तो मारा अन्तर्यामी,
दरसन देवो मारा बावजी।।
गाव खेड़ा रे माही जन्म लियो थे,
पुरोहित कुल रो नाम कियो थे,
धिन धिन हो स्वामी,
काम कियो थे नामी,
दरसन देवो मारा बावजी।।
ब्रह्मधाम रो बिडो लीणो,
घर घर फिरकर चन्दो कीनो,
बृह्मा रो मिन्दर बनायो,
प्रतिस्ठा शुभ दिन आयो,
आप समाये ब्रह्म मायने।।
गाव गोलिये करि सगाई,
जाकर खेतेश्वर चुनड़ी ओढाई,
रेल रोके टीटी पड़ियो चरणा माही,
लीला रो पायो न पार।।
आसोतरा माही मेळो लसगे,
भाग पुरबला भगता रा जागे,
आवे दरसन के ताहि,
काम सरे पल रे माही,
दरसन देवो मारा बावजी।।
श्यामनिवास स्वामी दरसन दीजो,
दाता खेतेश्वर मानेशरण में लीजो,
जयकार होवे मुर्तिया आछि,
सोवे कर दो भवजल पारियां।।
खतेश्वर स्वामी,
थेई तो मारा अन्तर्यामी,
दरसन देवो मारा बावजी।।
गायक / प्रेषक – श्यामनिवास जी।
9024989481