खिड़की मिन्दर री थारी,
खोल दो खेतलाजी,
आयो दर्शन ने थारे द्वार जे ए हा,
सारंगवा नगरी रा,
मोटा देवता भेरूजी,
अरे निव निव लागू,
थारे पाव जे ए हा।।
बेली चढावु थारे बाकला खेतलाजी,
जगमग जगावु थारे ज्योत जे ए हा,
बेली चढावु थारे बाकला खेतलाजी,
जगमग जगावु थारे ज्योत जे ए हा।।
लायो छत्तर ने थारे सेवरा खेतलाजी,
अरे फुलों री लायो फूलमाल जे ए हा,
लायो छत्तर ने थारे सेवरा खेतलाजी,
अरे फूलों री लायो फूलमाल जे ए हा।।
अरे देवो दर्शन दुर्बल जाण ने भेरूजी,
अरे भगत करे है पुकार जे ए हा,
अरे देवो दर्शन दुर्बल जाण ने भेरूजी,
अरे भगत करे है पुकार जे ए हा।।
म्हाने दिरावो एक बालको खेतलाजी,
घेणा मंगावो घर री नार रो जे ए हा,
म्हाने दिरावो एक बालको खेतलाजी,
अरे घेणा मंगावो घर री नार रो जे ए हा।।
दोय कर जोड करू विनती खेतलाजी,
अरे गावे गावे अर्जुन राव जे ए हा,
दोय कर जोड़ करू विनती खेतलाजी,
अरे गावे गावे अर्जुन राव जे ए हा।।
खिड़की मिन्दर री थारी,
खोल दो खेतलाजी,
आयो दर्शन ने थारे द्वार जे ए हा,
सारंगवा नगरी रा,
मोटा देवता भेरूजी,
अरे निव निव लागू,
थारे पाव जे ए हा।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818