म्हाने खाटू वालो,
म्हारो बाबो श्याम,
खिलावे देखो गोद्या में,
खिलावे देखो गोद्या में।।
तर्ज – म्हाने खाटू में बुलाले।
सुख को म्हारे कारण यो है,
दुख को म्हारो साथी,
जनम जनम की गांठ बांधली,
ज्यों दीपक और बाती,
ओ कड़ी नज़रा से बचावे,
बाबो श्याम,
खिलावे देखों गोद्या में,
खिलावे देखों गोद्या में।।
म्हारे मन यो भाव रहवे है,
बाबो म्हारे सागे,
विपदा कोई टिक नहीं पावे,
सांवरिया के आगे,
मोड़े दुखड़ा रो मुख म्हारो,
बाबो श्याम,
खिलावे देखों गोद्या में,
खिलावे देखों गोद्या में।।
क्यों चिंता तू करे बावला,
बाबो यो समझावे,
‘अंश’ रहवे तू गद गद हरदम,
मोरछड़ी लहरावे,
सर के ऊपर हरदम,
मोरछड़ी की छांव
खिलावे देखों गोद्या में,
खिलावे देखों गोद्या में।।
म्हाने खाटू वालो,
म्हारो बाबो श्याम,
खिलावे देखो गोद्या में,
खिलावे देखो गोद्या में।।
♪ Singer – Vasundhara Sharma