खीर बनवा दो,
मिश्री मावा में,
छम छम बाज घूघरा,
पितरा का पा़वा में।।
करल्यो मन की साफ सफाई,
होवे नितका शुद्ध कमाई,
नुतो दै दरों गांवा गांवा म,
छम छम बाज घूघरा,
पितरा का पा़वा में।।
रात जगाओं थे चौदस की,
भोजन बनादयो कोई रस को,
लार ले लो समुन्द की नांवा न,
छम छम बाज घूघरा,
पितरा का पा़वा में।।
बेहन बुआ ने नुत बुलाओ,
भगतां सु रात जगावां,
कमी मत छोड़ो थै उछावां म,
छम छम बाज घूघरा,
पितरा का पा़वा में।।
यो भगवान सहाय छ ज़िद्दी,
उनका घर म रिद्धि सिद्धि,
ख़र्च होंबा द उछावां म,
छम छम बाज घूघरा,
पितरा का पा़वा में।।
खीर बनवा दो,
मिश्री मावा में,
छम छम बाज घूघरा,
पितरा का पा़वा में।।
प्रेषक – धर्म चन्द नामा ( नामा म्युजिक)
9887223297