खोल खजाने बांट रहा है,
सबको बारी बारी,
बैठा खाटू में श्याम बिहारी,
ये दौलत देता है,
ये शोहरत देता है,
देता है महल अटारी,
बैठा खाटू में श्याम बिहारी।।
सेठों का ये सेठ कुहावे,
कदे नहीं खाली लोटावे,
जग जाने दातारी,
बैठा खाटू में श्याम बिहारी।।
गाँव गली शहरों में चर्चा,
हाथों हाथ ये देता है परचा,
कहती दुनिया सारी,
बैठा खाटू में श्याम बिहारी।।
प्रेम के जो आंसू टपकावे,
उसपे सुख सारे बरसावे,
कलयुग का अवतारी,
बैठा खाटू में श्याम बिहारी।।
यही ‘राम’ सुन के है आया,
रंक को तूने राजा बनाया,
छवि ‘बेधड़क’ प्यारी,
बैठा खाटू में श्याम बिहारी।।
खोल खजाने बांट रहा है,
सबको बारी बारी,
बैठा खाटू में श्याम बिहारी,
ये दौलत देता है,
ये शोहरत देता है,
देता है महल अटारी,
बैठा खाटू में श्याम बिहारी।।
Singer – Ram Kumar Ji Lakkha
Lyrics – Pappu Ji Bedhadak