कीर्तन की है सब बाबा तैयारी,
लेते हैं ज्योत अब आओ मुरारी,
कीर्तन की हैं सब बाबा तैयारी।।
तर्ज – बहुत प्यार करते है।
जलेगी ये ज्योति बाबा इंतज़ार तेरा,
विश्वास का है धागा ये है भाव मेरा,
आँखें को दरस को श्याम तरसे हमारी,
कीर्तन की हैं सब बाबा तैयारी।।
फूलों को तोड़ा हमने कांटो से चुनकर,
गले से है लिपटा तेरे माला वोतो बनकर,
खुशबू सदा यहाँ महके रज़ा जो तुम्हारी,
कीर्तन की हैं सब बाबा तैयारी।।
उम्मीदें लगाए बैठे पलकें बिछी हैं,
बुलाए दीवाने बाबा तेरी कमी है,
कमज़ोर बालक तेरे जाऊँ बलिहारी,
कीर्तन की हैं सब बाबा तैयारी।।
मोरछड़ी बिन तू है मेरा श्याम आधा,
जैसे कन्हैया मेरे राधा बिन आधा,
मत बहलाओ ‘सज्जन’ आएंगे बिहारी,
कीर्तन की हैं सब बाबा तैयारी।।
कीर्तन की है सब बाबा तैयारी,
लेते हैं ज्योत अब आओ मुरारी,
कीर्तन की हैं सब बाबा तैयारी।।
Singer – Pushpa Sankhla Bagri