कीर्तन माही रंग जम्यो है,
मोरछड़ी ले आओ जी,
सगला ऊपर फेर दे बाबा,
सगला ऊपर फेर दे बाबा,
झाड़ो आज लगाओ जी,
कीर्तन माहीं रंग जम्यो हैं,
मोरछड़ी ले आओ जी।।
मोटो सेठ जगत को प्यारों,
वादों आज निभाओ जी,
नीले चडके आजा सांवरा,
मोरछड़ी लहराओ जी,
तीनों लोक में आ लहरावें,
तीनों लोक में आ लहरावें,
सब न आस बंधाओ जी,
कीर्तन माहीं रंग जम्यो हैं,
मोरछड़ी ले आओ जी।।
मोरछड़ी रो जादू देख्यो,
बंद ताला खुलवाया जी,
जे मिल जावे झाड़ो बाबा,
बांझन पुत्र खिलायो जी,
गूंगा बाणी बोलें प्यारी,
गूंगा बाणी बोलें प्यारी,
दया भाव बरसाओ जी,
कीर्तन माहीं रंग जम्यो हैं,
मोरछड़ी ले आओ जी।।
मोरछड़ी बिन श्याम अधुरो,
मोरवी नंदन प्यारों जी,
हाथ में थामें जादूगारी,
नज़र यां स की उतारों ज़ी,
करूणा की आ सज्जन वर्षा,
करूणा की आ सज्जन वर्षा,
चांव स थै लहराओ जी,
कीर्तन माहीं रंग जम्यो हैं,
मोरछड़ी ले आओ जी।।
कीर्तन माही रंग जम्यो है,
मोरछड़ी ले आओ जी,
सगला ऊपर फेर दे बाबा,
सगला ऊपर फेर दे बाबा,
झाड़ो आज लगाओ जी,
कीर्तन माहीं रंग जम्यो हैं,
मोरछड़ी ले आओ जी।।
स्वर – मोना मेहता।
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