कीर्तन में घूमे मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की।
दोहा – मोरछड़ी की महिमा भारी,
दुनिया सारी कहती है,
श्याम सांवरे के संग में,
मोरछड़ी ये रहती है।
कीर्तन में घूमे मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की,
सांवरिया सरकार की मेरे,
बाबा लखदातार की,
कीर्तन में घूमें मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की।।
जब जब भी कीर्तन में बाबा,
लीले चढ़कर आवे,
अपने भक्तों के ऊपर ये,
मोरछड़ी लहरावे,
जादूगारी ये मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की,
कीर्तन में घूमें मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की।।
बाबा की इस मोरछड़ी में,
भरी है अद्भुत शक्ति,
इसके झाड़े से मिल जाती,
हर कष्टों से मुक्ति,
कामनगारी ये मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की,
कीर्तन में घूमें मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की।।
श्याम बहादुर जी ने मोरछड़ी,
की महिमा जानी,
इसके झाड़े से खुले ताले,
‘स्मृति’ गाये कहानी,
‘पंकज’ को जिताती मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की,
कीर्तन में घूमें मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की।।
कीर्तन में घूमें मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की,
सांवरिया सरकार की मेरे,
बाबा लखदातार की,
कीर्तन में घूमें मोरछड़ी,
मेरे सांवरिया सरकार की।।
Singer – Smriti Mishra