किशोरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना,
लाड़ो रानी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना,
मेरो है बरसाना री सजनी,
मेरो है बरसाना
किशोंरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना।।
देखे – राधे ब्रज जन मन सुखकारी।
कुटिया भी ले लो,
सामान भी ले लो,
बदले में चाहे मेरी,
जान भी ले लो,
ये राख की ढेरी है,
सबकुछ छोड़ के जाना,
मेरो है बरसाना
किशोंरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना।।
एक दिन देखि मैंने,
श्री निधिवन में,
एक दिन देखि मैंने,
गेहबरबन में,
जो सखियों ने घेरि है,
मेरो है बरसाना
किशोंरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना।।
बोलो तो आसुओं से,
भर दूँ समंदर,
बोलो तो सीना चिर,
दिखला दूँ अंदर,
प्रीत घनेरी है,
सबकुछ छोड़ के जाना,
मेरो है बरसाना
किशोंरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना।।
कोई कहे वृषभानु दुलारी,
कोई कहे इन्हे किरतकुमारी,
‘श्री धामा’ कहे मेरी है,
मेरो है बरसाना
किशोंरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना।।
हरिदासी ने दुनिया,
में धूम मचाई,
क्या खूब लिखती,
‘गोपाली बाई’,
‘पूनम’ भी तो चेरी है,
‘पूनम’ भी तो तेरी है,
मेरो है बरसाना
किशोंरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना।।
किशोरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना,
लाड़ो रानी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना,
मेरो है बरसाना री सजनी,
मेरो है बरसाना
किशोंरी जी तो मेरी है,
मेरो है बरसाना।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।