किशोरी लाड़ली श्यामा,
तुम्हारी याद आती है,
तुम्हारी याद आती है,
विरह की आग श्यामा जु,
हमें पल पल जलाती है,
किशोरी लाडली श्यामा,
तुम्हारी याद आती है।।
तर्ज – बहारो फूल बरसाओ।
मेरी आँखों के रस्ते से,
मेरे दिल में उतर आएं,
मेरी आँखों के रस्ते से,
मेरे दिल में उतर आएं,
बना लो आशियाँ अपना,
तो मोहन भी चले आएं,
करो रोशन अँधेरा है,
ना दीपक है ना बाती है,
तुम्हारी याद आती है,
किशोरी लाढली श्यामा,
तुम्हारी याद आती है।।
तुम्हे बस याद करना ही,
मेरे जीवन का मकसद है,
तुम्हे बस याद करना ही,
मेरे जीवन का मकसद है,
मरुँ महलों की चोखट पर,
मेरे जीवन की वो हद है,
मिला लो बिंदु सिन्धु में,
मुझे माया सताती है,
तुम्हारी याद आती है,
किशोरी लाढली श्यामा,
तुम्हारी याद आती है।।
तेरो बरसानो है निको,
ना जाकर लौट कर आएं,
तेरो बरसानो है निको,
ना जाकर लौट कर आएं,
करे जब माधुरी झांकी,
तो आँखे भी छलक जाएं,
हरिदासी को दुनिया में,
कोई भी शय ना भाति है,
तुम्हारी याद आती है,
किशोरी लाढली श्यामा,
तुम्हारी याद आती है।।
किशोरी लाड़ली श्यामा,
तुम्हारी याद आती है,
तुम्हारी याद आती है,
विरह की आग श्यामा जु,
हमें पल पल जलाती है,
किशोरी लाड़ली श्यामा,
तुम्हारी याद आती है।।