किसी भाव से तुम,
शरण में तो आओ,
मन से कुसुम से,
हरि नाम गाओ,
किसीं भाव से तुम।।
क्या तुम कहोगे,
उन्हें सब पता है,
जीवन में तुमने,
किया जो खता है,
समर्पण करो और,
उनको बुलाओ,
मन से कुसुम से,
हरि नाम गाओ,
किसीं भाव से तुम।।
प्रायश्चित करोगे,
गुनाह माफ़ होगा,
प्रभु के अदालत,
में इंसाफ होगा,
मन को भजन में,
अभी से लगाओ,
मन से कुसुम से,
हरि नाम गाओ,
किसीं भाव से तुम।।
बाकी बचा है जो,
उसको सम्भालो,
नहीं दाग लगे तुम,
ये दामन बचा लो,
किसी जिव पर अब,
जुलम तुम ना ढाओ,
मन से कुसुम से,
हरि नाम गाओ,
किसीं भाव से तुम।।
परम ब्रम्ह है जो,
वो सबसे निराला,
वही बैठ कर जो,
नज़र सब पे डाला,
‘फणि’ दे रहा है,
ये नारा लगाओ,
Bhajan Diary Lyrics,
मन से कुसुम से,
हरि नाम गाओ,
किसीं भाव से तुम।।
किसी भाव से तुम,
शरण में तो आओ,
मन से कुसुम से,
हरि नाम गाओ,
किसीं भाव से तुम।।
Lyrics – Shri Fanibhushan Ji Choudhary
Singer – Dhiraj Kant