किसी की नैया का,
माझी बन जाता है,
किसी के जीवन का,
साथी बन जाता है,
जो प्यार करता है,
उसका बन जाता है,
किसी की नैया का,
माझी बन जाता है।।
तर्ज – जो प्यार करता है पागल।
श्याम ही नैया,
श्याम ही माझी,
इसकी राजा में,
दुनिया राजी,
इसकी दया से तो,
साहिल मिल जाता है,
जो याद करता है,
उसका हो जाता है,
जो प्यार करता है,
उसका बन जाता है,
किसी की नईया का,
माझी बन जाता है।।
जिसने बनाया,
कन्हैया को साथी,
जीवन में उसके,
विपदा ना आती,
विपदा से पहले,
ये खुद आ जाता है,
जो याद करता है,
उसका हो जाता है,
जो प्यार करता है,
उसका बन जाता है,
किसी की नईया का,
माझी बन जाता है।।
‘संजू’ कन्हैया,
प्रेम का भूखा,
मेरे साँवरे की,
प्रेम ही पूजा,
ये प्रेम के खातिर,
कुछ भी कर जाता है,
जो याद करता है,
उसका हो जाता है,
जो प्यार करता है,
उसका बन जाता है,
किसी की नईया का,
माझी बन जाता है।।
किसी की नैया का,
माझी बन जाता है,
किसी के जीवन का,
साथी बन जाता है,
जो प्यार करता है,
उसका बन जाता है,
किसी की नईया का,
माझी बन जाता है।।
Super hai atul verma ka taraf se