कितने गिनाऊँ एहसान,
तूने किस्मत बदल दी मेरी सांवरे।।
तर्ज – तुझको पुकारे मेरा प्यार।
लायक नहीं था,
फिर भी ना जाने मुझमे,
क्या ऐसा देखा,
पापी अधम था,
तूने पलट दी मेरे,
कर्मो की रेखा,
जग में बढ़ाया मेरा मान,
जग में बढ़ाया मेरा मान,
तूने किस्मत बदल दी मेरी सांवरे,
कितने गिनाऊं एहसान।।
तेरी शरण में,
क्या मैं बताऊं मैंने,
क्या क्या है पाया,
मुश्किल डगर पे,
संग संग चला है मेरे,
बनकर के साया,
मंजिल बना दी आसान,
मंजिल बना दी आसान,
तूने किस्मत बदल दी मेरी सांवरे,
कितने गिनाऊं एहसान।।
जन्मों जनम का,
नाता जुड़ा जो तुमसे,
‘नरसी’ ना छूटे,
सांसो की डोरी,
टूटे भले ही तेरा,
बंधन ना टूटे,
तुमसे है मेरी पहचान,
तुमसे है मेरी पहचान,
तूने किस्मत बदल दी मेरी सांवरे,
कितने गिनाऊं एहसान।।
कितने गिनाऊँ एहसान,
तूने किस्मत बदल दी मेरी सांवरे।।
स्वर / रचना – नरेश नरसी जी फतेहाबाद।