कितनो सोणो कितनो सुन्दर,
सबसे न्यारो लागे,
सबसे न्यारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे।।
बाली उमरिया तिरछी नजरिया,
चाल चले मतवाली,
आंगणिये में ठुमक ठुमक कर,
नाचे दे दे ताली,
इके आगे फीको जग को,
नजारो लागे, हाँ नजारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे।।
छोटे छोटे हाथां से यो,
मुरली मधुर बजावे,
देख देख कर नन्द यशोदा,
मंद मंद मुस्कावे,
इकी मुरली को दीवानो,
जग सारो लागे, हाँ जग सारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे।।
गोदी में बिठाके मैया,
माखन मिश्री खिलावे,
कदे झुलावे पालणो,
कद मीठी लोरी सुणावे,
‘श्याम’ केवे थोड़ो गोरो,
थोड़ो कारो लागे, थोड़ो कारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे।।
कितनो सोणो कितनो सुन्दर,
सबसे न्यारो लागे,
सबसे न्यारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे,
म्हाने छोटो सो कन्हैयो,
प्यारो प्यारो लागे।।
स्वर – सौरभ मधुकर।