कोई नहीं है जिसको पुकारे,
जो तुम रूठे श्याम हमारे,
कोई नहीं है जिसको पुकारें।।
तर्ज – दो दिल टूटे दो दिल हारे।
तुमसे बंधा है जीवन,
सुख दुःख हमारे तेरे हाथ में,
हमको तेरी ही छाया,
तुमको ही चलना अब तो साथ में,
यूँ ही तुमसे मांगे हाथ पसारे,
कोई नहीं है जिसको पुकारें।।
लाचार आँखें भगवन,
तुमको निहारें कितनी आस से,
बाँहें फैलाई मैंने,
कबसे ओ बाबा विश्वास से,
जैसे भी रख लो हम हैं तुम्हारे,
कोई नहीं है जिसको पुकारें।।
‘पंकज’ के दिल की बाबा,
सुनलो तो होगी मेहरबानियां,
होंठों पे कैसे लाएं,
दर्दों की अपनी ये कहानियां,
बोझ ये दिल का कैसे उतारें,
कोई नहीं है जिसको पुकारें।।
कोई नहीं है जिसको पुकारे,
जो तुम रूठे श्याम हमारे,
कोई नहीं है जिसको पुकारें।।
Singer – Toshi Kaur