कोई प्यार से मेरी मैया को सजा दो,
गजब हो जाएगा,
कोईं प्यार से मेरी मैया को सजा दो,
गजब हो जाएगा,
गजब हो जाएगा,
श्रृंगार हो जाएगा,
कोईं प्यार से मेरी मैया को सजा दो,
गजब हो जाएगा।।
तर्ज – इस प्यार से मेरी तरफ।
गंगा जल से,
मैया को नहला दो,
रोली का टिका,
माथे पे लगा दो,
माथे पे लगा दो,
फिर प्यार से पायलियाँ पहना दो,
गजब हो जाएगा,
गजब हो जाएगा,
श्रृंगार हो जाएगा,
कोईं प्यार से मेरी मैया को सजा दो,
गजब हो जाएगा।।
कानो में मैया के,
कुंडल पहना दो,
हाथो में मैया के,
मेहंदी लगा दो,
फिर प्यार से चुनर ओढ़ा दो,
गजब हो जाएगा,
गजब हो जाएगा,
श्रृंगार हो जाएगा,
कोईं प्यार से मेरी मैया को सजा दो,
गजब हो जाएगा।।
कोई प्यार से मेरी मैया को सजा दो,
गजब हो जाएगा,
कोईं प्यार से मेरी मैया को सजा दो,
गजब हो जाएगा,
गजब हो जाएगा,
श्रृंगार हो जाएगा,
कोईं प्यार से मेरी मैया को सजा दो,
गजब हो जाएगा।।
स्वर – कुमार आफ़ताब।