कोटड़ी में माँ सावित्री,
थारी ज्योता जागे माँ,
सब भक्तों रा कष्ट मिटाओ,
जो कोई धोक लगावे माँ।।
नीम के थाने जन्म लियो थे,
सोनी कुल में जाई माँ,
लाडा कोड़ा लाड लडावे,
पिता है पतराम जी माँ,
कोटडी में मां सावित्री,
थारी ज्योता जागे माँ।।
कोटडी मे मन्दिर थारो,
शोभा लागे प्यारी माँ,
मंदिर माहि आप विराजो,
लीला थारी न्यारी माँ,
कोटडी में मां सावित्री,
थारी ज्योता जागे माँ।।
ऊँचे आसन आप विराजो,
लाल ध्वजा लहरावे माँ,
ढोल नगाड़ा नौबत बाजे,
तंदूरों खनकावे माँ,
कोटडी में मां सावित्री,
थारी ज्योता जागे माँ।।
आंधलिया नें आख्या देवो,
पांगलिया न पगळ्या माँ,
निर्धनिया न माया देवो,
कोड़िया न काया माँ,
कोटडी में मां सावित्री,
थारी ज्योता जागे माँ।।
भादरवा मे मेलो लागे,
घणा जातरी आवे माँ,
तेरस वाली रात माताजी,
जागण लगावे माँ,
कोटडी में मां सावित्री,
थारी ज्योता जागे माँ।।
सावित्री संकीर्तन मण्डल,
रतनगढ़ सु आवे माँ,
दास गोपालो मेला माहि,
भजन सुनावे माँ,
कोटडी में मां सावित्री,
थारी ज्योता जागे माँ।।
कोटड़ी में माँ सावित्री,
थारी ज्योता जागे माँ,
सब भक्तों रा कष्ट मिटाओ,
जो कोई धोक लगावे माँ।।
गायक – गोपाल सोनी रतनगढ़।
9982095020