कृपा करो मेरे श्याम,
द्वारे खोल दो,
दर्शन करने को,
भक्तों से बोल दो।।
तर्ज – दूल्हे का सेहरा।
बहुत दिनों से तरसे,
दर्शन बिन नैना,
दर्शन बिन आवे ना,
मन को भी चैना,
दर्शन का रस,
इस जीवन में घोल दो,
दर्शन करने को,
भक्तों से बोल दो।।
पड़ी मुसीबत जग पे,
बहुत ही भारी है,
ऐसी आई चीन से,
ये महामारी है,
इस वायरस को अब,
दुनिया से निकाल दो,
दर्शन करने को,
भक्तों से बोल दो।।
हे दीन दुखी हितकारी,
बाबा टेर सुनो,
भक्त पुकारे दर्शन दो,
ना देर करो,
मोर छड़ी से सारी,
विपदा टाल दो,
दर्शन करने को,
भक्तों से बोल दो।।
हे श्याम प्रभु अब,
अपनी करुणा बरसा दो,
अपने पावन दर्शन,
भी अब करवा दो,
‘श्याम’ की है मनुहार,
ये ताले खोल दो,
दर्शन करने को,
भक्तों से बोल दो।।
कृपा करो मेरे श्याम,
द्वारे खोल दो,
दर्शन करने को,
भक्तों से बोल दो।।
रचना एवम् गायन – घनश्याम मिढ़ा।
भिवानी मोबाइल – 9034121523