कुछ दिन रह ले मेहंदीपुर में,
छिक छिक कै लाडडू खाले,
तनै ले जा हरियाणे आले।।
सब तै ज्यादा भगत तेरे हो,
हरियाणे मै बालाजी,
देशी घी का बना चुरमा,
के खाने मै बालाजी,
तेरे बिना जी लागै कोना,
सुण ओ जग के रखवाले,
तनै ले जा हरियाणे आले।।
घर घर मै तेरी ज्योत जगै है,
घर घर धरे लंगोट तेरे,
सब तै ज्यादा हरियाणे के,
भगत लगावै रोट तेरे,
छठे महिने सुण मेरे बाबा,
तेरा चालिसा ये ठाले,
तनै ले जा हरियाणे आले।।
मेहदी पुर मै कयो जम रया,
या सारी दुनिया केरी है,
जिददी मानस हरियाणे का,
ना कोई हेरा फेरी सै,
सब कहाये के ठाठ मिलेगे,
बैठ राम का गुण गाले,
तनै ले जा हरियाणे आले।।
गुरु मुरारी के चेले कै,
तेरी कसुति खटक लगी,
राजपाल के घर पै हो बाबा,
ज्योत बालाजी अंखड जगी,
अशोक भगत पै नियम करा ले,
राजी गुहणे आले,
तनै ले जा हरियाणे आले।।
कुछ दिन रह ले मेहंदीपुर में,
छिक छिक कै लाडडू खाले,
तनै ले जा हरियाणे आले।।
स्वर – नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – निटू सहरावत।
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