कुछ ना कहूंगा,
चुप ही रहूँगा,
चुपचाप बैठे बाबा,
रोता रहूँगा।।
तर्ज – सागर किनारे।
ईशारे तेरे बाबा,
समझ ना पाऊं,
वक्त से पहले ही,
क्यु हार जाऊ,
किससे कहुंगा,
कहना सकेगा,
चुपचाप बैठे बाबा,
रोता रहूँगा।।
बेचैनी को बाबा,
सहता रहूँगा,
दर पे तुम्हारे,
बैठा रहुगा,
दर्द सहुंगा,
कह ना सकुंगा,
चुपचाप बैठे बाबा,
रोता रहूँगा।।
क्या मेरे कर्मों में,
तु भी नही है,
जो मैं पडा हूँ,
क्या वो सही है,
तुझसे कहुंगा,
छिपा ना सकुंगा,
चुपचाप बैठे बाबा,
रोता रहूँगा।।
कुछ ना कहूंगा,
चुप ही रहूँगा,
चुपचाप बैठे बाबा,
रोता रहूँगा।।
Singer / Lyrics:- Vishal Gupta
9582569332