ये जिंदगी मिली है,
दिन चार के लिए,
कुछ पल तो निकालो,
भोले के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए।।
तर्ज – दिल दीवाने का डोला।
कई पूण्य किये होंगे जो,
ये मानव तन है पाया,
पर भूल गए भगवन को,
माया में मन भरमाया,
अब तक तो जीते आएं,
अब तक तो जीते आएं,
है परिवार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
बाबा के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए।।
तूने पाई पाई जोड़ी,
कोई कमी कही ना छोड़ी,
पर संग में सुन ले तेरे,
ना जाए फूटी कोड़ी,
कुछ धरम पूण्य तो जोड़ो,
कुछ धरम पूण्य तो जोड़ो,
उस पार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
बाबा के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए।।
ये जग है एक सराए,
कोई आए कोई जाए,
इसका दस्तूर पुराना,
कोई सदा ना टिकने वाला,
‘गजेसिंह’ शिवजी को भजलो,
‘गजेसिंह’ शिवजी को भजलो,
उद्धार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
बाबा के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए।।
ये जिंदगी मिली है,
दिन चार के लिए,
कुछ पल तो निकालो,
भोले के दरबार के लिए,
कुछ पल तो निकालों,
भोले के दरबार के लिए।।
स्वर – सौरभ मधुकर।