क्या खूब है आज सजाया,
मिलकर दरबार लगाया,
हम देख तेरा दरबार,
दीवाने हो गए,
हम देख तेरा श्रृंगार,
दीवाने हो गए।।
ये प्यारी प्यारी सूरत,
है मेरे मन को भायी,
देखी जो मैंने अपनी,
सुध-बुध सारी बिसराई,
ये मोटे मोटे नैना,
क्या कर गए जादू टोना,
हम करके तेरा दिदार,
दीवाने हो गए,
हम देख तेरा दरबार,
दीवाने हो गए।।
ये इसका नजर मिलना,
फिर पलकों को झपकना,
घायल कर देता मुझको,
धीरे धीरे मुकसना,
मुझपे ये श्याम सलोना,
क्या कर गया जादू टोना,
हम करके तेरा दिदार,
दीवाने हो गए,
हम देख तेरा दरबार,
दीवाने हो गए।।
ये रंग बिरंगे गजरे,
फूलों के लाल गुलाबी,
ये सुंदर सुंदर बागे,
तेरी ये चाल नवाबी,
ये गल मोतियन की माला,
ये तेरा रूप निराला,
हम देख तुझे सरकार,
हम करके तेरा दिदार,
दीवाने हो गए,
हम देख तेरा दरबार,
दीवाने हो गए।।
जो सच में हुआ दीवाना,
दोनों हाथों को उठाओ,
फिर जोर से ताली बजाके,
और झूमो नाचो गाओ,
झूठी अब लाज शरम है,
‘सोनू’ लगी आज लगन है,
हम करके तेरा दिदार,
दीवाने हो गए,
हम देख तेरा दरबार,
दीवाने हो गए।।
क्या खूब है आज सजाया,
मिलकर दरबार लगाया,
हम देख तेरा दरबार,
दीवाने हो गए,
हम देख तेरा श्रृंगार,
दीवाने हो गए।।
स्वर – मोना जी मेहता।
प्रेषक – पूजा गगनेजा।