क्या नही किया तूने श्री राम के लिए,
राजा राम के लिए, प्रभु राम के लिए।।
तर्ज – दिल लगा लिया मैंने तुमसे।
लक्ष्मण को शक्ति लगी,
राम घबराए थे,
सूरज उगने से पहले,
संजीवनी लाए थे,
बूटी वहाँ कैसी कहाँ,
तुमको ना था पता,
बूटी वहाँ कैसी कहाँ,
तुमको ना था पता,
पर्वत उठा लिया तूने श्री राम के लिए,
राजा राम के लिए, प्रभु राम के लिए,
क्या नही किया तुने श्री राम के लिए,
राजा राम के लिए, प्रभु राम के लिए।।
रावण सा अभिमानी जब,
सिता हर लाया था,
माता सिता का तुमने,
ही पता लगाया था,
सेना बड़ी तुमसे लड़ी,
पाई नही हरा,
सेना बड़ी तुमसे लड़ी,
पाई नही हरा,
सब जला दिया तूने श्री राम के लिए,
राजा राम के लिए, प्रभु राम के लिए,
क्या नही किया तुने श्री राम के लिए,
राजा राम के लिए, प्रभु राम के लिए।।
राम सिया को बाला,
दिल में बसाए है,
‘संजू’ दुनिया को सीना,
चिर के दिखाएँ है,
तुमसा नही सेवक कोई,
श्री राम का हुआ,
तुमसा नही सेवक कोई,
श्री राम का हुआ,
जग भुला दिया तूने श्री राम के लिए,
राजा राम के लिए, प्रभु राम के लिए,
क्या नही किया तुने श्री राम के लिए,
राजा राम के लिए, प्रभु राम के लिए।।
क्या नही किया तूने श्री राम के लिए,
राजा राम के लिए, प्रभु राम के लिए।।
स्वर – संजू शर्मा जी।
बहुत सुंदर भजनों का संग्रह है तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अंजाना इस तर्ज पर भजन होना मुझे