क्यों चिंता करता बेकार,
द्वारे पे तेरे खडो है दातार,
देगो चुगेरो है जाने चोंच दई।।
तर्ज – आने से उसके आए।
धन धान मान दियो है,
और सुंदर दई देह नर की,
जाने गेहने दियो है,
वो ही चिंता करेगो या घर की,
काहे करे दुनिया में,
तू झूठो बखेड़ो है,
जाने चोंच दई,
देगो चुगेरो है जाने चोंच दई।।
नौ मास के गर्भ में,
जिंदा कैसे रह्यो कहाँ से खायो,
जब दांत नही थे तेरे मुख में,
दूध अमृत सो तोकूं पिलायो,
सब जग को रखवारो,
देगो सहारो है,
जाने चोंच दई,
देगो चुगेरो है जाने चोंच दई।।
कहाँ सोच को बनेगो,
काहे चिंता में तन को जलावे,
वाके आगे ना तेरी चलेगी,
वो तो सारे जगत को चलावे,
पूरण को पूरण है,
ना कछू तेरो है,
जाने चोंच दई,
देगो चुगेरो है जाने चोंच दई।।
क्यों चिंता करता बेकार,
द्वारे पे तेरे खडो है दातार,
देगो चुगेरो है जाने चोंच दई।।
Singer / Upload – Tikam Jalandra
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