क्यों बार बार पर्दा,
बांके बिहारी करते,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
प्रेमी तुम्हारी करते,
क्यो बार बार परदा,
बांके बिहारी करते।।
तर्ज – मेरा आपकी कृपा से।
छवि तेरी सांवरी सी,
उपमा कहूं कहाँ की,
बांका मुकुट है सिर पर,
मुरली लकुट है बांकी,
बांका श्रृंगार तेरा,
बांके पुजारी करते,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
प्रेमी तुम्हारी करते,
क्यो बार बार परदा,
बांके बिहारी करते।।
मैं दिन हिन भगवन,
आया तेरी शरण में,
बिगड़ेगा क्या तुम्हारा,
रखलोगे जो चरण में,
दुःख दूर प्रेमियों का,
मोहन मुरारी करते,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
प्रेमी तुम्हारी करते,
क्यो बार बार परदा,
बांके बिहारी करते।।
हे मधुक श्याम प्यारे,
विनती यही हमारी,
परदे से आओ बाहर,
देखे छवि तुम्हारी,
विनती बिहारी इतनी,
दर्शन भिखारी करते,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
प्रेमी तुम्हारी करते,
क्यो बार बार परदा,
बांके बिहारी करते।।
क्यों बार बार पर्दा,
बांके बिहारी करते,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
फिर भी ये प्यारी झांकी,
प्रेमी तुम्हारी करते,
क्यो बार बार परदा,
बांके बिहारी करते।।