लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी।।
कटी में पीताम्बर,
गले में है माला,
मुकुट को धारण,
किए है गोपाला,
घूंघराली लट कारी कारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी।।
साँवरी सूरत के,
दर्शन तुम्हारे,
मुरली मनोहर,
जबसे निहारे,
बन बैठे तेरे पुजारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी।।
निधिवन में नित,
रास रचावे,
सब सखियाँ मिल,
गीत सुनावे,
नाचे है बारी बारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी।।
श्री हरिदास के,
प्यारे हो तुम,
मेरी भी आँखों के,
तारे हो तुम,
चरण कमल बलिहारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी।।
लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी।।
स्वर – आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी शास्त्री।