लाडलडी गौरी,
सेवा नित कीजो भोलेनाथ की,
पूजा नित कीजो भोलेनाथ की,
लाडलडी बेटी,
पूजा नित कीजो भोलेनाथ की।।
मैना पार्वती ने अपनी,
गोदी में बैठावे,
हृदय लगाय हाथ सिर पर धर,
पतिव्रत धर्म सिखावें है,
लाडलडी बेटी,
सेवा नित कीजो भोलेनाथ की।।
पतिदेव परमेश्वर थारा,
पति है प्राण आधार,
पति शीश की चूड़ामणि है,
पति गले को हार है,
लाडलडी बेटी,
सेवा नित कीजो भोलेनाथ की।।
धर्म कर्म में रहो संगिनी,
हित की सम्मत दीजो,
प्रथम जीमावो पति देव को,
फिर भोजन कर लीजो,
लाडलडी बेटी,
सेवा नित कीजो भोलेनाथ की।।
पति कहे सो करो निरन्तर,
पति की रुख में चालो,
अपनी चाह कछु मत राखो,
बात कभी मत टालो,
लाडलडी बेटी,
सेवा नित कीजो भोलेनाथ की।।
तन मन वचन प्राण अर्पण कर,
रहो पति के लार,
दान पून्य तीर्थ व्रत संयम,
सकल धर्म को सार,
लाडलडी बेटी,
सेवा नित कीजो भोलेनाथ की।।
लाडलडी गौरी,
सेवा नित कीजो भोलेनाथ की,
पूजा नित कीजो भोलेनाथ की,
लाडलडी बेटी,
पूजा नित कीजो भोलेनाथ की।।
गायक – संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।
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