लड्डू राम नाम का खा लें ,
तेरा हो जा गा कल्याण,
भर भर बुकटे मेहंदीपुर में,
बाँट रहे हनुमान,
लड्डू राम नाम का खा ले,
तेरा हो जा गा कल्याण।।
राम नाम का यह लड्डू भई,
हनुमान ने खाया,
सीता राम बसे रोम रोम में,
सीना फाड़ दिखाया,
लड्डू राम नाम का खा ले,
तेरा हो जा गा कल्याण।।
यह लड्डू भिलनी ने खाए,
होगी राम दीवानी,
रोज़ झोंपड़ी साफ़ करे,
और रोज़ छिड़कती पानी,
लड्डू राम नाम का खा ले,
तेरा हो जा गा कल्याण।।
जिसने भी खाया लड्डू,
चमत्कार दिखलाया,
पत्थर की बनी अहिलिया नारी,
सुंदर हो गई काया,
लड्डू राम नाम का खा ले,
तेरा हो जा गा कल्याण।।
सौदा सिराणा ओमप्रकाश को,
ये ही लड्डू भाए,
बाला जी की सेवा करके,
बाबा के भक्त कहाए,
लड्डू राम नाम का खा ले,
तेरा हो जा गा कल्याण।।
ऋषि महात्मा सन्यासी भई,
ये ही लड्डू खाते,
जय भगवान भी ये लड्डू भई,
गुरु मुरारी से लाते,
लड्डू राम नाम का खा ले,
तेरा हो जा गा कल्याण।।
लड्डू राम नाम का खा लें ,
तेरा हो जा गा कल्याण,
भर भर बुकटे मेहंदीपुर में,
बाँट रहे हनुमान,
लड्डू राम नाम का खा ले,
तेरा हो जा गा कल्याण।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )