लाड़ली राधिका,
स्वामिनी राधिका,
ये तेरा बरसाना,
यही पे मर जाना।bd।
मैं तो आई थी किशोरी,
दर्श तेरा पाने,
ऐसा लगा यही पर,
गुजरे ज़माने,
देखि जो ये अटारी,
मैं सुधबुध हारी,
की भूल ना जाना,
यही पे बस जाना,
ये तेरा बरसाना,
यही पे मर जाना।bd।
बरसाने में देखा,
अद्भुत नज़ारा,
जब भी भुजाएं उठाकर,
तुझको पुकारा,
वो तेरा आ जाना,
हौले से मुस्काना,
गजब शर्माना,
उसी पे मर जाना,
ये तेरा बरसाना,
यही पे मर जाना।bd।
अपना लिया है किशोरी,
यही कुछ क्या कम है,
सारे जहाँ में हरिदासी,
अधम है,
भजन किया ना,
तेरा नाम लिया ना,
तू फिर भी निभाना,
भूल ना जाना,
ये तेरा बरसाना,
यही पे मर जाना।bd।
लाड़ली राधिका,
स्वामिनी राधिका,
ये तेरा बरसाना,
यही पे मर जाना।bd।
स्वर – पूनम दीदी जी।