लगा है मेला ये श्याम बाबा का,
हुआ दीवाना,
देखो ये संसार बाबा का,
लगा हैं मेला यें श्याम बाबा का।।
रंग बिरंगा चोला तेरा,
सूरत प्यारी प्यारी,
नीले की असवारी तेरी,
लगती बड़ी प्यारी,
भक्तों ने मिलकर के किया,
श्रृंगार बाबा का,
लगा हैं मेला यें श्याम बाबा का।।
चांद के जैसा चेहरा तेरा,
गल फूलों की माला,
देख देख के रुप तेरा,
यह हुआ है जग मतवाला,
रंग बिरंगे फूलों का है,
हार बाबा का,
लगा हैं मेला यें श्याम बाबा का।।
शीश का दानी कैसे तुझको,
कहते खाटू वाला,
दसों दिशाओं में बाबा को,
भक्तों का रखवाला,
हम सब को भी करना है,
दीदार बाबा का,
लगा हैं मेला यें श्याम बाबा का।।
खाटू में है धाम तेरा,
तू सबके कष्ट निवारे,
‘राकेश गर्ग’ के बाबा जी तू,
करदे वारे न्यारे,
‘पंकज सांवरिया’ करता,
गुणगान बाबा का,
लगा हैं मेला यें श्याम बाबा का।।
लगा है मेला ये श्याम बाबा का,
हुआ दीवाना,
देखो ये संसार बाबा का,
लगा हैं मेला यें श्याम बाबा का।।
– गायक एवं प्रेषक –
पंकज साँवरिया (दिल्ली)
संपर्क – 9671528928