लगालो अपने चरणों से,
श्री रघुवर कौशला नंदन,
तुम्हारा नाम ही होगा,
जो तर जाऊंगा रघुनंदन।।
जगत को तारने वाले,
जगत को तारने वाले,
न आऊँ जाऊं अब जग में,
तोड़ दे मेरे भव बंधन,
लगालो अपने चरणो से,
श्री रघुवर कौशिला नंदन।।
हमारी ओर तो देखो,
हमें दुक्खों ने घेरा है,
ये दुख कुछ न बिगाड़ेंगे,
जो तुम चाहोगे रघुनंदन,
लगालो अपने चरणो से,
श्री रघुवर कौशिला नंदन।।
तुम्हारा जैसा रखवाला,
नहीं और कोई इस जग में,
बनादो सबकी बिगड़ी तुम,
करे ‘राजेन्द्र’ नित वंदन,
लगालो अपने चरणो से,
श्री रघुवर कौशिला नंदन।।
लगालो अपने चरणों से,
श्री रघुवर कौशला नंदन,
तुम्हारा नाम ही होगा,
जो तर जाऊंगा रघुनंदन।।
गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340