लगन लागी मारे भजना की,
रामजी को नाम लिराबा की।।
भागीरथ ने गंगा बुलाई,
शिव शंकर के जटा में समाई,
गंगा बाई विसनु चरणां की।।
भगत प्रहलाद ने भजन किया था,
हिरण्यकश्यप मना किया था,
बात नहीं मानी सगा पापा की।।
विदुर भगत के भगवत आऐ,
उसकी नारी ने फल फूल खिलाऐ,
सुद्ध बुद्ध भुलगी कपडा़ की।।
करमां बाई ने खीच बणाया,
रुच रुच के हरि भोग लगाया,
करमां बाई बेटी जाटां की।।
मिथुन राशि से नाम हजारी,
धरायो ब्रम चारी ने नाम धरायो,
हंस राम थिर थाबा की।।
लगन लागी मारे भजना की,
रामजी को नाम लिराबा की।।
गायक – प्रहलाद नाथ बागजणा।
9571438243