लख लख दिवला री है आरती,
आ पाबूजी रे धाम,
जगमग जोता है जागती,
ऐ राठौड़ो रे धाम,
रमती जगती है आरती,
आ कोलूमण्ड रे माय।।
ढोल नगाड़ा है बाजता पाबु,
जाळर रो झनकार,
आरतियों में है आवजो,
पाबु केसर रे असवार,
रमती जगती है आरती,
आ कोलूमण्ड रे माय।।
हाथ में भालो है सोवणो,
पाबु सोरठड़ी तलवार,
कमर कठारो है बांधणों,
पाबु भालो बिजलसार,
रमती जगती है आरती,
आ कोलूमण्ड रे माय।।
गूगल खेवा है धूप पाबु,
गाय रो गीरत मंगाय,
नारेलो री है जोत जगे पाबु,
थोरे मन्दिर रे मोय,
रमती जगती है आरती,
आ कोलूमण्ड रे माय।।
चांदा ढेमा है लावजो संग,
सन्तो सांवत ने साथ,
केलम पेमल है लावजो,
संग सोढ़ी राणी रे साथ,
रमती जगती है आरती,
आ कोलूमण्ड रे माय।।
तीन लोक में है आरती पाबु,
गावे गणा नर नार,
सांझ सवेरे है आरती होवे,
थोरे मन्दिर रे माय,
रमती जगती है आरती,
आ कोलूमण्ड रे माय।।
नेनु देवासी है आरती गावे,
गांव कूड़ रे माय,
रिड़जी भोपोजी है आरती करें,
गांव दुदली माय,
रमती जगती है आरती,
आ कोलूमण्ड रे माय।।
लख लख दिवला री है आरती,
आ पाबूजी रे धाम,
जगमग जोता है जागती,
ऐ राठौड़ो रे धाम,
रमती जगती है आरती,
आ कोलूमण्ड रे माय।।
गायक – नेनाराम देवासी।
प्रेषक – मुकेशश देवासी बालापुरा।
6367012577