लाखों सिर पे ये एहसान है,
चुकाना मुझपे ना आसान है,
दिलदार तू दिल खोल कर,
मुझपे यूँ मेहरबान है,
लाखो सिर पे ये एहसान है।।
तर्ज – ये तो सच है की भगवान।
कुछ तो है सरकार तेरी सरकारी में,
यूँ ही झुकती नहीं दुनिया सारी ये,
बना दी अनमोल उनकी ज़िन्दगी तूने,
हुए थे जो नीलाम तेरी यारी में,
कोड़ी में भाव था जिनका,
उनका अमीर में नाम है,
दिलदार तू दिल खोल कर,
मुझपे यूँ मेहरबान है,
लाखो सिर पे ये एहसान है।।
पूजा जिसने सदा तेरी तस्वीर को,
तूने दिया बदल उसकी तक़दीर को,
जिस तन में प्रभु तेरा वास हो,
और क्या चाहिए उस शरीर को,
दिल में रखते है जो आपको,
उनकी तुझसे ही पहचान है,
दिलदार तू दिल खोल कर,
मुझपे यूँ मेहरबान है,
लाखो सिर पे ये एहसान है।।
रोशन हो गयी ये रूह जबसे तेरे हुए,
दूर जीवन के सब ये अँधेरे हुए,
कैसे छायेगा मुझपे गमो का साया,
तेरी छाया है मुझको घेरे हुए,
‘शर्मा’ गया संवर सांवरे,
तूने दिया जो वरदान है,
दिलदार तू दिल खोल कर,
मुझपे यूँ मेहरबान है,
लाखो सिर पे ये एहसान है।।
लाखों सिर पे ये एहसान है,
चुकाना मुझपे ना आसान है,
दिलदार तू दिल खोल कर,
मुझपे यूँ मेहरबान है,
लाखो सिर पे ये एहसान है।।
Singer – Muskan Sharma