कुनदी खोले माने बताय दे बिन्जारा,
दोहा – हालो हरजी देवरे,
मिलसी रामापीर,
दुखीया ने सुखीया करे,
बाबो साजा करे रे शरीर।
कुनदी खोले माने बताय दे बिन्जारा,
काई लायो थारी बालद माय जे ए हा,
कटारो कहिजे भाई जातरी बिन्जारा,
आगे कटिने तू तो जाय जे ए हा।।
मालवा नगरी रो कहिजु जातरी ओ बाबा,
रूनीचे करू व्यापार जे ए हा,
गाँव नगर देवु हाजरी ओ बाबा,
लाखु बिन्जारो मारो नाम जे ए हा।।
काई लायो ने काई बेचसी बिन्जारा,
अरे केवो थारी मनडा री बात जे ए हा,
खारा समंदा सु लायो खार ओ बाबा,
अरे बेचु रूनीचा नगरी माय जे ए हा।।
जेडी मनडा री थारी भावना बिन्जारा,
अरे वेडो होसी थारो काम जे ए हा,
अरे रूनीचा ने छोड़ आगे चालीयो बिन्जारो,
अरे आयो आयो पोकर नगरी माय जे ए हा।।
रात गई रे दिनडो उगीयो रे भाईडा,
बिन्जारे माडी अपनी हाट जे ए हा,
मीठी मिसरी मे लायो गाँव में भाईडा,
आवो आवो लाखु वाली हाट जे ए हा।।
हेलो सुनता ही आया मानवी ओ भईडा,
केवे मिसरी ने वेतो लून जे ए हा,
रात ठगे रे वेतो चोर तो बिन्जारा,
अरे दिनरा ठगे ने किकर जाय जे ए हा।।
हाथे हथकडीया पगा मे बेडीया बिन्जारा,
मारे शहर वालो लोग जे ए हा,
पाल चढता ही हेलो मारीयो बिन्जारे,
सुनजो मारे रूनीचे रा राज जे ए हा।।
झूठ मैं बोल्यो थारे सामने ओ बाबा,
अबके थे देवो बकशाय जे ए हा।।
घणी घणी खम्मा रामापीर ने ओ भाईडा,
परचो सारी दुनिया रे माय जे ए हा,
‘श्याम प्रकाश’ करे विनती ओ बाबा,
देवो भगती ने वालो दान जे ए हा।।
कुनदी खोले माने बताय दे बिन्जारा,
काई लायो थारी बालद माय जे ए हा,
कटारो कहिजे भाई जातरी बिन्जारा,
आगे कटिने तू तो जाय जे ए हा।।
स्वर – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
https://youtu.be/_8JJIsPvOD4