थारे खातिर जीव होम दु,
रण भारत माहि,
लक्ष्मण बैठो होजा भाई।।
लक्ष्मण बाण लागो रणभारत रे माही,
राम चंद्र रोबा लागा,
आखया खोले नाही,
लक्ष्मण बैठो होजा भाई।।
गड लंका सू वेद बुलाया,
नाडी दिकावा लाई,
या बुटी हीमाले मे मलशी,
लेवा कुण झाई,
लक्ष्मण बैठो होजा भाई।।
बलवत जोदो अजनी को लालो,
बुटी लवा जाई,
वन वन मे फिरे ऊदासी,
पर्वत लीदो ऊटा,
लक्ष्मण बैठो होजा भाई।।
वणी बुटी री कतुरी बणाई,
लशमण अग चलाई,
आलश मार ऊटा लशमण जी,
रामचन्द्र कत गाई,
लक्ष्मण बैठो होजा भाई।।
थारे खातिर जीव होम दु,
रण भारत माहि,
लक्ष्मण बैठो होजा भाई।।
गायक – भगवान रबारी।
बासवाड़ा, गाव सरेडी छोटी।
मोबाइल 7424930404
https://youtu.be/By9OCnCkeic