लक्ष्मी का वास हो जिस घर में,
उस घर में रोज दिवाली है।।
तर्ज – श्यामा आन बसों वृन्दावन।
तुमसे ही इज्जत मान मिले,
हर आशाओं का फुल खिले,
झोली फैलाए जग सारा,
माता के सभी सवाली है,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर मे,
उस घर में रोज दिवाली है।।
खुशियाँ तुझसे तुम बिन गम है,
किरपा बिन ये आँखे नम है,
है चाँद सा मुखड़ा माँ तेरा,
जिसपे सूरज की लाली है,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर मे,
उस घर में रोज दिवाली है।।
तेरे चरण जहाँ जाते माता,
खुशियों से दामन भर जाता,
जिस जगह पे वास ना तेरा हो,
सब लगता खाली खाली है,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर मे,
उस घर में रोज दिवाली है।।
महिमा तेरी माँ न्यारी है,
‘शिवपुरी’ चरणों का पुजारी है,
जाते है दिन संवर उनके,
जिनपे नज़रे माँ डाली है,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर मे,
उस घर में रोज दिवाली है।।
विष्णु जी है जग के पालक,
मैया तू है धन संचालक,
निर्धन को तू धनवान करे,
हर बात तेरी माँ निराली है,
Bhajan Diary Lyrics,
लक्ष्मी का वास हो जिस घर मे,
उस घर में रोज दिवाली है।।
लक्ष्मी का वास हो जिस घर में,
उस घर में रोज दिवाली है।।
स्वर – अंजलि जी जैन।