लाल ध्वजा लहराये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया।।
लोंग इलायची के बीड़ा लगाए,
चम्पा चमेली के हार बनाये,
लाल अनार चड़ाए रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया।।
लाल गुलाल से लाल भये है,
लाल तुम्हारे निहाल भये है,
मैया के रंग रंग आये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया।।
‘पदम्’ सुमर मैया तोरे जस गाये,
चरणों मे तोरे शीश झुकाये,
गीत सुमन बरसाए रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया।।
लाल ध्वजा लहराये रे,
मैया तोरी ऊंची पहड़िया।।
लेखक / प्रेषक – डालचन्द कुशवाह पदम्।
भोपाल 9827624524