दर दर की ठोकर खाकै,
शरण मैं तेरी आ लिया,
ले आँख खोल के देख,
काली सिंह काल पा लिया।।
पाताल लोक से आए,
भक्तां का उद्धार करण नै,
बहुत बड़ाई सुणी तेरी,
आया चरणां शीष धरण नै,
भक्ति भंडार भरण नै,
तन मन तनै लूटा लिया,
ले आंख खोल कै देख,
काली सिंह काल पा लिया।।
पीर फकीर गैल चालैं,
तेरी लीला जग में न्यारी,
खीर का है प्रसाद तेरा,
तुम धर्म के हो अवतारी,
खड़े सेवा में नर नारी,
के तनै ध्यान हटा लिया,
ले आंख खोल कै देख,
काली सिंह काल पा लिया।।
धाम जलालपुर में देख्या,
तेरा लगा गजब का पहरा,
सत्संग कीर्तन होवै आरती,
लगा रहै तेरा पहरा,
तुम क्यों हो रहा है सै बहरा,
मनै अंदाजा ला लिया,
ले आंख खोल कै देख,
काली सिंह काल पा लिया।।
कृष्ण जुंए आले का,
जै खोट हो कोए बताइए,
सोनू भगत कथुरे आले,
ने भी गलै लगाइए,
तुं शरण वीरेंद्र आइए,
किस चिंता नै खा लिया,
ले आंख खोल कै देख,
काली सिंह काल पा लिया।।
दर दर की ठोकर खाकै,
शरण मैं तेरी आ लिया,
ले आँख खोल के देख,
काली सिंह काल पा लिया।।
गायक – कृष्ण जुआं वाले।
9813297388